Tuesday, February 2, 2010

राजस्थानी गीत-- बन्नी पिछवाड़े रो आणा जाणा छोड़ दे,

बन्नी पिछवाड़े  रो
आणा  जाणा  छोड़ दे,

हाथ थारे  रेशम सरीखे
बन्नी मेंहंदी रो  लगाणा छोड़ दे,

पग थारे कमल् सरीखे,
बन्नी पायल रो
पहनना छोड़ दे,

बाल थारे रेशम सरीखे,
बन्नी वेणी रो
लगाणा छोड़ दे,

आँख थारी हिरणी सरीखी,
बन्नी काजल्ड रो
लगाणा छोड़ दे.

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