Friday, April 22, 2016

राजस्थानी गीत :काहे को ब्याही बिदेस रे

राजस्थानी गीत :
काहे को ब्याही बिदेस रे
सुण बाबुल म्हारे,
भैया को दीना बाबुल महेला दुमेहला
म्हारे को दियो परदेस रे
सुण बाबुल म्हारे,
हम तो बाबुल थारे खूंटे की गैया,
जिधर बांधा बांध जाये रे,
सुण बाबुल म्हारे,'
जद म्हारो डोला महलों से निकला,
अम्मा ने खाई पछाड़ रे,
सुण बाबुल म्हारे,
जद म्हारो डोला सडक पर आयो ,
भैया ने खाई पछाड़ रे,
सुण बाबुल म्हारे,
जद म्हारो डोलो बागां मँ आयो,
कोयल बोल्यो तीखो बोल रे
सुण बाबुल म्हारो.
ए काली कोयल तू काहे बोल्यो,
हमको मिला परदेस रे,
सुण बाबुल म्हारो.
डोली रो पर्दों उठाके जग रोयो,
अब साजान जी रा देस रे,
सुण बाबुल म्हारो.
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Tuesday, February 25, 2014

पंजाबी लोकगीत

साडा  चिड़ियाँ दा चम्बा वे,बाबुल असां उड़ जाणा ,
साड़ी लम्मी उड़ारी वे,
बाबुल असां नहीं रहणा ,
साडा  चिड़ियाँ दा चम्बा वे  बाबुल असां उड़ जाणा ,

तेरियां महलां दे रंगले बुए ,
ते विचों मेरी डोली  लंगणी,
साडा चिड़ियाँ दा  चम्बा वे  बाबुल असां उड़ जाणा ,

सानू तक जांदी वारी वे ,
असां मुड़ नहींयों औणा ,
साडा चिड़ियाँ दा चम्बा वे बाबुल असां उड़ जाणा,

तेरियां महलां दे बुर्ज सुनेरे,
मैं चढ़ चली चुप करके ,
असां कर लइ तयारी वे,
असां मुड़ नहींयों आणा ,
साडा  चिड़ियाँ दा  चम्बा वे  बाबुल असां उड़ जाणा ,!!

Sunday, November 10, 2013

Diwali Song - Thumak chalat ram chandra (ठुमक चलत राम चंद्र )

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Friday, November 8, 2013

Luv & Kush Singing Ramayan for Lord Rama [Full Song] Brave Sons of Mothe...

http://www.youtube.com/v/EJZuntFHn5w?autohide=1&version=3&autohide=1&autoplay=1&showinfo=1&attribution_tag=nvjs9ajq6qqQ5dS9nPf09w&feature=share

Wednesday, September 22, 2010

जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,

अर्थ: (जुगनी, जुगना दो सुंदर सखियाँ पानी भरने चलीं. उन्हों ने चमकते मोतियों की पोशाक पहनी है.  इतने में जुगनी स्कूल घुस गई,  लडके तो घबरा कर किताबें उठा कर भागने लागे.  मास्टर लोग  खिड खिड कर हंसने लगे.  जब जुगनी लाहौर गई उसके पीछे चोर पड़ गये.  जुगनी डर कर भागने लगी).



जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां,

साडे बुए दे अग्गे नाली,
उड़ गया कां ते बै गयी लाली,
नी कई सोणी जुगनी-शाब्बा,
नी कई बांकी जुगनी-शाब्बा,
नी कई टोई पिरोती-शाब्बा,
नी कई लिशकन मोती-शाब्बा,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां,

जुगनी जा वडी मदरसे,
मुंडे लै किताबाँ नसे,
मास्टर खिड खिड कर के हस्से,
नी कई सोणी जुगनी-शाब्बा,
नी कई बांकी जुगनी-शाब्बा,
नी कई टोई पिरोती-शाब्बा,
नी कई लिशकन मोती-शाब्बा,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां,

जुगनी जा वडी लाहौर,
उनांदे  पै गये पीछे चोर,
अग्गे  जुगनी पीछे चोर,
चोरां ते पे गये मोर,
नी कई सोणी जुगनी-शाब्बा,
नी कई बांकी जुगनी-शाब्बा,
नी कई टोई परोती,
नी कई लिशकन मोती,

जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां.

किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ,

लोकगीत का अर्थ:
(ये  जंज़ीरो वाली नाव और व्यापारी सौदागर लोग कहाँ से आये हैं? नाव  तो अटक से और जेलम से सौदागर आये हैं महलों के पीछे से ठंडी हवा आ रही है. हे  मेरे राँझा !चलो, चुपके से,  हम दोनों वहां  चल बैठें. पर   तुम्हारे लट्ठे के कपड़े तो खड़खड़ करते हैं - और  नई जुत्ती तो चूं चूं करती है, तुम्हारी माँ सुन लेगी इसलिए वे न पहनना).

किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ,
सौदागर राँझा,
किधरों आहे मल्लाह हो राँझा,
भला किधरों आये मल्लाह हो राँझा,

अटकों आयिन्याँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ,
सौदागर राँझा
झेलमों आये मल्लाह हो राँझा,
भला झेलमों आये मल्लाह हो राँझा,

बेड़ियाँ नाल ज़न्जीरियां ज़न्जीरियां,
सौदागर राँझा,
करदियाँ छैणों छैण हो राँझा,
भला करदियाँ छैणों छैण हो राँझा,

मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े,
सौदागर राँझा,
ठंडी चल बयार हो राँझा,
भला ठंडी चल बयार हो राँझा,

मैं जे तेनु आखया आखया,
सौदागर राँझा,
लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा,
भला लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा,

लट्ठे दे कपड़े खड़ खड़े,
सौदागर राँझा,
सुणसिया तेरी मां हो राँझा,
भला सुणसिया तेरी मां हो राँझा,

मैं जे तेनु आखया आखया,
सौदागर राँझा,
नंवी जुत्ती न पा हो राँझा,
भला नंवी जुत्ती न पा हो राँझा,

नंवी जुत्ती तेरी चीकणी चीकणी,
सौदागर राँझा,
सुणसिया तेरी माँ हो राँझा,
भला सुणसिया तेरी माँ हो राँझा,

मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े,
सौदागर राँझा
ठंडी चल बयार हो राँझा,
भला ठंडी चल बयार हो राँझा,

मैं जे तेनु आखया आखया,
सौदागर राँझा,
आ चल छान्वे बैठ हो राँझा,
भला आ चल छान्वे बैठ हो राँझा,।
अर्थ: (मेरा सरदार पति काला है और मैं तो सोने की तार  सी चमकदार हूं. मेरी सास के पाँच बेटों में से चार तो शराबी कबाबी हैं पर मेरा पति मेरे से मैच  करता तो गुलाब के फूल सा खिला हुआ है. सास के दूसरे बेटे तो खाली टीन से खड़खड़ाते  रहतें  हैं पर मेरा पति तो ऑफिस जाता है). 


काला शाह काला,
मेरा काला ई सरदार
गोरेआं नु दफा करो,
मैं आप तिल्ले दी तार
काला शाह काला...

सस्सडिये तेरे पंज पुत्तर,
दो ऐबी, दो शराबी
जेहड़ा मेरे हाण दा
ओ खिड़आ फुल्ल गुलाबी
काला शाह काला...

सस्सडिये तेरे पंज पुत्तर,
दो टीन, दो कनस्तर
जेहड़ा मेरे हाण दा
ओ चला गया ए दफ्तर
काला शाह काला...