Tuesday, February 2, 2010

राजस्थानी---गीत काहे को ब्याही बिदेस रे

 गीत काहे को ब्याही बिदेस रे
सुण बाबुल म्हारे,
भैया को दीना बाबुल महेला दुमेहला
म्हारे को  दियो  परदेस रे
सुण बाबुल म्हारे,
हम तो बाबुल थारे खूंटे की गैया,
जिधर बांधा बांध जाये रे,
सुण बाबुल म्हारे,'
जद म्हारो डोला महलों से निकला,
अम्मा ने खाई पछाड़ रे,
सुण बाबुल म्हारे,
जद म्हारो  डोला सडक पर आयो ,
भैया ने खाई पछाड़ रे,
सुण बाबुल म्हारे,
जद म्हारो डोलो बागां  मँ आयो,
कोयल बोल्यो तीखो बोल रे
सुण बाबुल म्हारो.

ए काली कोयल तू काहे बोल्यो,
हमको मिला परदेस रे,
सुण बाबुल म्हारो.

डोली रो पर्दों उठाके जग रोयो,
अब साजान जी रा देस रे,
सुण बाबुल म्हारो.

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