Wednesday, January 20, 2010

2-राजस्थानी लोकगीत-- ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे

२- ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे

सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
नान्ही नान्ही बूंद पड़े छे
म्हारो लहरयो भीज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,

ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी

कदम्बा की डाल पे
ढोलर घाल्यो, हीदड चाल्यो
हरिया बन की कोयल बोले
लागे चोखो भलो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,

ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी

आपस में हिलमिल झूला-
झोंटा दे द्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी,
ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे
सईयों आई सावण तीज सुहावणी
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