1- दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे
आई नव प्रभात
गवांरां गीगां हंस ल्यो रे
गयी अंधारी रात
नवां नवां हो झाड़ हाथ ले
सोत्डला में चालो चालो
खेतडला में चालो
अब हिम्मत, अब हिम्मत, अब हिम्मत,
की है बात रे
आयो नव प्रभात
कान खोल के सुण लो जवानो
धरती सोणा निपजे रे,
मेहनत सूं, मेहनत सूं, मेहनत सूं
निपजे रे गयी अंधारी रात
दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे
आयो नव प्रभात
Wednesday, January 20, 2010
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