Wednesday, September 22, 2010

किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ,

लोकगीत का अर्थ:
(ये  जंज़ीरो वाली नाव और व्यापारी सौदागर लोग कहाँ से आये हैं? नाव  तो अटक से और जेलम से सौदागर आये हैं महलों के पीछे से ठंडी हवा आ रही है. हे  मेरे राँझा !चलो, चुपके से,  हम दोनों वहां  चल बैठें. पर   तुम्हारे लट्ठे के कपड़े तो खड़खड़ करते हैं - और  नई जुत्ती तो चूं चूं करती है, तुम्हारी माँ सुन लेगी इसलिए वे न पहनना).

किधरों आयियाँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ,
सौदागर राँझा,
किधरों आहे मल्लाह हो राँझा,
भला किधरों आये मल्लाह हो राँझा,

अटकों आयिन्याँ बेड़ियाँ बेड़ियाँ,
सौदागर राँझा
झेलमों आये मल्लाह हो राँझा,
भला झेलमों आये मल्लाह हो राँझा,

बेड़ियाँ नाल ज़न्जीरियां ज़न्जीरियां,
सौदागर राँझा,
करदियाँ छैणों छैण हो राँझा,
भला करदियाँ छैणों छैण हो राँझा,

मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े,
सौदागर राँझा,
ठंडी चल बयार हो राँझा,
भला ठंडी चल बयार हो राँझा,

मैं जे तेनु आखया आखया,
सौदागर राँझा,
लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा,
भला लट्ठे दे कपड़े न पा हो राँझा,

लट्ठे दे कपड़े खड़ खड़े,
सौदागर राँझा,
सुणसिया तेरी मां हो राँझा,
भला सुणसिया तेरी मां हो राँझा,

मैं जे तेनु आखया आखया,
सौदागर राँझा,
नंवी जुत्ती न पा हो राँझा,
भला नंवी जुत्ती न पा हो राँझा,

नंवी जुत्ती तेरी चीकणी चीकणी,
सौदागर राँझा,
सुणसिया तेरी माँ हो राँझा,
भला सुणसिया तेरी माँ हो राँझा,

मैहलां दे पिछवाड़े पिछवाड़े,
सौदागर राँझा
ठंडी चल बयार हो राँझा,
भला ठंडी चल बयार हो राँझा,

मैं जे तेनु आखया आखया,
सौदागर राँझा,
आ चल छान्वे बैठ हो राँझा,
भला आ चल छान्वे बैठ हो राँझा,।

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